शब्द
कैसे अपने मन को शब्दो मे बयान करुँ?
शब्द तो फिर भी कर दू उनके अर्थो को कैसे बयान करुँ?
क्योंकि इस दुनिया मे अर्थ का ही तो अर्थ है
शब्द तो वही है पर अर्थ हर वाक्य मे अलग हैं|
कभी एक शब्द किसी के चेहरे की हँसी बन जाता है
कभी वही शब्द किसी के आँखों की नमी का कारण बन जाता है
जो शब्दो के इस खेल को समझ गया
वो दुनिया के इस भंवर को जीत गया|
कोशिश करते रहना शब्दो से दिल जीत सको
वरना रिश्ते तो बिना बोले भी टूट जाते है
और इनके मुआवज़े उम्र भर के आँसुओ से भरे जाते है|
यह शब्द ही है जो हमें एक दूसरे से जोड़े रखते है
वरना लोग तो जगह की दूरी से भी दिलो की दूरी बना सकते है|
पर याद रखना हर चीज़ के दो पहलू होते है
कभी अच्छाई तो कभी बुराई के प्रतीक होते है
अगर संभाल सको दोनो को एक साथ
तो याद रखना वर्णमाला मे वर्ण नही मोती जड़े होते है|
रिया शर्मा